लंगूर मेला
श्री दुर्गियाना तीरथ के बड़ा हनुमान मंदिर में लगने वाला वार्षिक लंगूर मेला प्रथम नवरात्रि दिन रविवiर 15.10.23 को प्रारंभ होगा तथा 24.10.23 को दशहरा वाले दिन तक चलेगा I दशहरे के अगले दिन यानिकि एकादशी वाले दिन लंगूर बने बच्चे अपना लंगूरों वाला बाना उतार कर आम वेश भूषा में आ जाएँगे
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श्री दुर्ग्याणा मंदिर, अमृतसर (पंजाब)
अमृतसर नगर में मात्र 200 मीटर वर्गाकार छोटे से भूभाग पर, जिसके एक कोने में पुराना किला तथा दूसरे कोने में हाथी गेट, जिसका 40% भाग आज भी मिलट्री के अधीन है, जहाँ रामायणकाल से जुड़ा ‘श्री हनुमान गढ़ी’ मन्दिर, लगभग 800 वर्ष से अधिक पुराना श्री शीतला माता जी का चमत्कारी मंदिर, गुरुता-ज्ञाता संत भगवान् दास जी की पुरानी गद्दी और जहाँ श्री दुर्ग्याणा मंदिर परिसर में वर्षों पुराने दर्जनों मंदिर, शिवाले, अखाड़े एवं बगीचियाँ विद्यमान हैं, उस स्थान के ठीक मध्य में शताब्दियों पुराने स्थित तालाब के बीचों-बीच 1921 में जो मंदिर निर्मित किया गया, वो है ‘श्री दुर्ग्याणा मंदिर’।
जय श्री राम
श्री बड़ा हनुमान जी मंदिर
श्री बड़ा हनुमान जी मंदिर श्री दुर्ग्याणा मंदिर के उत्तर-पश्चिमी कोने पर स्थित है । हिंदू इस स्थान को बहुत महत्व देते हैं, क्योंकि धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम जी द्वारा अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा यहाँ पर उनके सपुत्रों लव और कुश द्वारा यहाँ रोका गया था तो उसे छुड़वाने के लिए श्री हनुमान जी खुद यहाँ आए थे और उन्हें लव और कुश द्वारा यहाँ बंधक बना लिया गया था और यहाँ पर पेड़ से बाघ दिया था, जो कि आज भी मंदिर प्रांगण में विद्यमान है । किंवदंती है कि तत्कालीन जगलों में माता सीता जी और उनके दोनों पुत्र लव और कुश इसके आस-पास रहते थे ।
श्री शीतला माता जी मंदिर
श्री शीतला माता जी का यह मंदिर सात सौ वर्षों से भी अधिक पुराना है । श्री शीतला माता जी की विगृह (प्रतिमा) वर्गाकार क्षेत्र के मध्य में स्थित है। मां दुर्गा जी के मन्दिर के सामने पीतल का एक शेर खड़ा है और लगभग 6.5 फीट ऊंचा एक छोटा सा तत्कालीन शिव मंदिर है, जिसमें शिवलिंग स्थापित है । इस मंदिर के पीछे एक पुरानी बेरी है । यह वर्ष भर हरी-भरी रहती है । भक्त इसकी पूजा करते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं । लोग अपने बच्चों की विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के लिए भी दूर-दूर से इस मंदिर में आते हैं । लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए माँ शीतला जी को कच्ची लस्सी चढ़ाते हैं ।
About
Durgiana Temple
Situated in the middle of the Sarovar Shri Durgiana Temple is an important and world-renowned religious place for the Hindus in the holy city of Amritsar in the Punjab province of northern India, where thousands of devotees come daily to worship and pay obeisance. The bridge provides an approach to the temple. The temple tank is 541 ft X 432 ft and 20 ft deep, which according to government records was built here in 16th century.
श्री सहगल धाम मंदिर
श्री सहगल धाम मंदिर, अमृतसर के कटरा भाई संत सिंह क्षेत्र में स्थित है और यह श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के खूबसूरत मंदिरों में से एक है । यह मंदिर वातानुकूलित है और यहां ठंडे पानी की भी व्यवस्था है । सप्ताह के प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को सायं 4 बजे से 6 बजे तक संध्या संकीर्तन का आयोजन किया जाता है । अन्नकूट महोत्सव, नवरात्रि, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी आदि त्यौहार बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं ।
ठाकुरद्वारा तेजा सिंह मंदिर
यह एक बहुत ही प्राचीन और विरासती मंदिर है, जो चौरस्ती अटारी में स्थित है । इस मंदिर का निर्माण 1851 में सरदार तेजा सिंह ने करवाया था, जो महाराजा रणजीत सिंह के दरबार में एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत्त थे और खुशहाल सिंह के भतीजे थे । यह मंदिर श्री राधा-कृष्ण जी को समर्पित है और यह उत्तर भारत की प्रचलित वास्तुकला की नागरा शैली का एक अच्छा उदाहरण है । इसकी दीवारों पर फूलों की कलाकृतियाँ, विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों में स्टेनलेस ग्लास और लकड़ी के मुखौटे के साथ विशाल लकड़ी के दरवाजे और दरवाजों और खिड़कियों पर लकड़ी की नक्काशी बहुत आकर्षक है । करीब 30 साल पहले इसका प्रबंधन श्री दुर्ग्याणा कमेटी को सौंपा गया था ।
श्री दरयाणा मल मंदिर
इस मंदिर का निर्माण अमृतसर के लाला दरयाणा मल जी ने 1876 में चौरास्ती अटारी के कटरा मोहर सिंह में करवाया था । यह अद्भुत उपनिवेशिक शैली की वास्तुकला का जीवंत उदाहरण और आकर्षण का केंद्र है । दीवारों पर अविस्मरणीय कलाकृतियाँ और मीनाकारी हिंदू पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं और फूलों, आभूषणों एवं भगवान श्री राम जी के जीवन की विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित करती हैं । पहली मंजिल पर बना गर्भगृह भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है ।
श्री हरि मंदिर
श्री हरि मंदिर अमृतसर के गोपाल नगर क्षेत्र का प्रमुख एवं प्रसिद्ध देवस्थान है । इसके प्रथम तल पर एक नया हॉल बनाया गया है । मंदिर में नियमित संकीर्तन होता है । प्रत्येक सक्रांति पर लंगर का आयोजन किया जाता है । मंदिर की गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने में क्षेत्रवासी सक्रिय सहयोग करते हैं ।
सेंट्रल जेल मंदिर
श्री दुर्ग्याणा कमेटी ने अमृतसर सेंट्रल जेल के कैदियों को अध्यात्मिक सांत्वना और मानसिक शांति दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है । कमेटी ने धार्मिक सद्भाव को ध्यान में रखते हुए जेल परिसर के भीतर एक सुंदर मंदिर के साथ-साथ एक सत्संग भवन तथा विशाल लंगर हॉल का भी निर्माण करवाया है । इन पवित्र संरचनाओं से कैदियों को आत्मिक व मानसिक शांति एवं प्रभु चरणों से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है । इसके अलावा, श्री दुर्ग्याणा कमेटी जेल में बंद कैदियों के साथ त्यौहारों की खुशियाँ बांटते हुए सभी प्रमुख हिंदू त्यौहारों के दौरान यहाँ लंगर की भी व्यवस्था करती है । कमेटी के इस प्रयास ने कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर भी महत्वपूर्ण व सकारात्मक प्रभाव डाला है ।
श्री शिव गंगा मंदिर
श्री शिव गंगा मंदिर श्री दुर्ग्याणा परिवास्र में स्थित सदियों पुराना मंदिर है, जो मुख्य मंदिर के बहुत करीब स्थित है । ऐसा माना जाता है कि पहले श्री अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाली पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ इसी मंदिर से पूरे उत्साह और अनुष्ठानों के साथ रवाना होती थी । छड़ी मुबारक में भगवान शिव और माँ देवी पार्वती जी को दर्शाया गया है । इस मन्दिर में प्रत्येक सोमवार को स्थानीय शिव भक्तों की भारी भीड़ यहाँ दर्शनार्थ हेतु पहुंचती है ।
गोस्वामी श्री तुलसी दास जी मंदिर
प्राचीन श्री तुलसी दास जी मंदिर, अमृतसर के सर्कुलर रोड पर बाबा भौड़ी वाली गौशाला के सामने, वर्ष 1954 के आसपास भक्त श्री चमन लाल जी द्वारा बनवाया गया था, जहाँ उन्होंने गोस्वामी श्री तुलसीदास जी की प्रतिमा स्थापित की थी । बाद में, मुख्य श्री दुर्ग्याणा मंदिर परिक्रमा को पूरा करने हेतु मेहरा परिवार ने वर्ष 1961 में इस मंदिर को लगभग 400 वर्ग गज भूमि दान में दी । यहाँ सैकड़ों भक्त प्रतिदिन श्री रामचरित मानस की चौपाईयों का पाठ करते हैं । इस मंदिर का रास्ता गोबिंदगढ़ किले से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है और श्री दुर्ग्याणा मंदिर की परिक्रमा करके भी यहाँ पहुंचा जा सकता है । श्री राम नाम की ‘मंजूषा’ के अंदर श्री राम के 10 करोड़ हस्तलिखित नाम (राम-राम) रखे हुए हैं ।
श्री राधा वल्लभ जी मंदिर
श्री राधा-वल्लभ जी मंदिर का निर्माण मैसर्ज मईया लाल कन्हैया लाल द्वारा अमृतसर शहर के लोहगढ़ इलाके में लगभग 250 साल पहले करवाया गया था । उस समय श्री राधा जी और श्री कृष्ण जी के विगृह (प्रतिमाएं) स्थापित की गईं थी, जो आज भी यहाँ सुशोभित हैं । बाद में अन्य देवी-देवताओं के विगृह (प्रतिमाएं) भी यहाँ स्थापित किए गए । इस मंदिर को दानदाताओं के पूर्वजों द्वारा लगभग 40 वर्ष पूर्व (वर्ष 1982 में) श्री दुर्ग्याणा कमेटी को सौंप दिया गया । इस मंदिर से एक बड़ा सामुदायिक हॉल भी निर्मित है ।
श्री शनिदेव महाराज जी मंदिर
श्री दुर्ग्याणा तीर्थ की परिक्रमा में नवग्रहों सहित श्री शनिदेव महाराज जी का भव्य मंदिर स्थित है । प्रत्येक शनिवार और अमावस के दिन यहां भक्तों का तांता लगा रहता है ।
श्री राम द्वारा मंदिर
यह भगवान श्री राम जी का एक बहुत पुराना मंदिर है, जो अमृतसर के गुरु बाजार के पास गली तिवारियाँ में स्थित है । मंदिर में प्रत्येक गुरुवार को शाम 4 से 6 बजे तक भक्तों द्वारा संकीर्तन किया जाता है । क्षेत्र के लोगों के सहयोग से सभी त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं । विभिन्न धार्मिक त्यौहारों पर वार्षिक जागरण और भंडारे का भी आयोजन किया जाता है ।
शिवाला आदि विश्वेश्वर नाथ
यह मंदिर श्री दुर्ग्याणा मंदिर की परिक्रमा में बनाया गया है। इस शिवाला से जुड़े 2-3 कमरों के साथ एक बड़ा हॉल भी है जो पहले ट्रस्ट के अधीन था, इसे अब श्री दुर्ग्याणा कमेटी ने उस ट्रस्ट से ले लिया है।
Other Mandir's under the Control of Management Commitee
Raja Teja Singh Temple
This is a very ancient and heritage temple, which is situated in Chowrasti Atari. This temple was built by Sardar Teja Singh in 1851
Shri Daryana Mal Thakur
This temple was built by Lala Daryana Mal ji of Amritsar in 1876 at Katra Mohar Singh of Chaurasti Attari.
Shree Tulsidas Mandir
Ancient Shree Tulsidas Mandir, Circular Road, opposite Baba Bhauri Wali Gau-Shala was built by one Shree Chaman Lal ji somewhere around 1954.
Radha Vallabh Mandir
Radha Vallabh Mandir was build by m/s Maiya Lal Kanhaya Lal some 250 years ago at Lohgarh Illaqua of amritsar city . ldols of Radha Ji & Krishan Ji were installed at that time.
Shri Shanidev Maharaj
A grand temple of Shri Shanidev Maharaj ji along with Navagrahas is si-tuated in the parikrama of Shri Durgiana Tirtha. There is an influx of devotees here on every Saturday and Amavas day.
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