वेद कथा भवन मुख्य मंदिर की परिक्रमा के बाईं ओर स्थित है। इसका निर्माण श्री नत्थूमल रंगवाला के प्रयासों से हुआ तथा इसकी आधारशिला स्वामी श्री गंगेश्वरा नंद जी महाराज ने 3 नवंबर 1946 को रखी थी। इसमें एक हजार भक्तों के बैठने की उत्तम व्यवस्था है। भक्तों को हिंदू धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए यहां साल भर विभिन्न संत-महात्माओं द्वारा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। होली के समय वृन्दावन से आये भक्तों द्वारा यहाँ रास-लीला की जाती है।