इस मंदिर का निर्माण अमृतसर के लाला दरयाणा मल जी ने 1876 में चौरास्ती अटारी के कटरा मोहर सिंह में करवाया था । यह अद्भुत उपनिवेशिक शैली की वास्तुकला का जीवंत उदाहरण और आकर्षण का केंद्र है । दीवारों पर अविस्मरणीय कलाकृतियाँ और मीनाकारी हिंदू पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं और फूलों, आभूषणों एवं भगवान श्री राम जी के जीवन की विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित करती हैं । पहली मंजिल पर बना गर्भगृह भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है ।